चीला वाली रेंज में प्राकृतिक स्रोत से बनाये गये चार तालाब।

हरिद्वार से अरविंद गोयल की रिपोर्ट।



राजाजी टाइगर रिजर्व पार्क की चीलावाला रेंज में बने वाटरहॉल में नहाते हाथी ।


हरिद्वार (उत्तराखंड)। हरिद्वार के राजा जी टाइगर रिजर्व पार्क की चीला वाली रेंज में पानी के प्राकृतिक स्रोत से चार नये तालाब का निर्माण किया गया। भोजन के साथ ही अब इस रेंज में जंगली जानवरों के लिए पानी भी भरपूर मात्रा में उपलब्ध है। पर्याप्त मात्रा में भोजन एवं पानी मिलने के बाद से ही हाथियों सहित अन्य जंगली जानवरों ने अब किसानों के खेतों और जंगलों से लगी यू.पी.की सीमा में लगभग जाना बंद कर दिया। राजा जी टाइगर रिजर्व पार्क की हरिद्वार, बेरिवाड़ा,चीलावाली,धौलखंड, मोतीचूर, कांसरो,रामगढ़,चीला,गौहरी, एवं रवासन आदि रेंजों में चीलावाली रेंज सबसे बड़ी है। सबसे बड़ी रेंज होने के साथ ही यहाँ हाथी,गुलदार,हिरन,नीलगाय,जंगली सूअर,एवं सांभर आदि जानवरों की भरमार है। इस रेंज में कुल सात पानी के प्राकृतिक स्रोत के तालाब के साथ ही ऐसे दर्जन भर तालाब भी हैं जिनमें टैंकर से पानी की सप्लाई की जाती है। गर्मियों के दिनों में पानी की कमी होने पर हाथियों के झुंड किसानों के खेतों में जाकर फसलों को बर्बाद कर देते थे। इसके साथ ही हाथियों के झुंड जंगल से लगी यू.पी.की सीमा में पहुँच जाया करते थे लेकिन अब चीलावाली रेंज में पानी की भरपूर उपलब्धता होने के कारण हाथियों के झुंड ने किसानों के खेतों एवं यू.पी.की सीमा में जाना बहुत ही कम कर दिया है। आबादी वाले क्षेत्रों एवं सड़कों पर जंगली जानवरों की आवाजाही कम होने के कारण पार्क प्रशासन ने भी राहत की सांस ली।